NCC में रैंक कैसे मिलती है? | NCC में रैंक कैसे मिलती है और प्रमोशन किस पद पर होता है?

आप में से बहुत सारे स्टूडेंट्स ऐसे होंगे जो एनसीसी ज्वॉइन करने के बारे में सोच रहे हैं इसलिए आपको इसके बारे में सब कुछ पता होना चाहिए तो अगर आप इसके बारे में पूरी इन्फॉर्मेशन चाहते हैं और जानना चाहते है की एनसीसी में कितने पद होते हैं इसमें रैंक कैसे दी जाती है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए.

NCC में रैंक कैसे मिलती है और प्रमोशन किस पद पर होता है?

एनसीसी को स्कूल टाइम से या कॉलेज टाइम से जॉइन किया जा सकता है और तो कैंडिडेट को स्कूल टाइम 9th और 10th क्लास से ज्वाइन कर लेते हैं उन्हें जूनियर डिवीज़न में रखा जाता है और जो कैंडिडेट कॉलेज 11th, 12th और ग्रेजुएशन में ज्वाइन करते हैं उन्हें सीनियर डिवीज़न में रखा जाता है और एनसीसी में 3 दिन विंग्स होती है आर्मी विंग्स, एयर विग्स और Navel विंग्स.

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कैंडिडेट एनसीसी में कोई भी विंग्स ले सकते हैं आर्मी विंग्स वाले खाकी यूनिफॉर्म, एयर विंग्स वाले ब्लू यूनिफॉर्म, और Navel विंग्स वाले व्हाइट यूनिफॉर्म पहनते हैं.

आर्मी विंग्स

इन जूनियर डिवीज़न और सीनियर डिवीजन के कैंडिडेट को कैडेट कहा जाता है इनका कोई इन्सिगिनिया नही होता इसके बाद एनसीसी में लगभग तीन महीने की पूरी करने के बाद जिसमें कैंडिडेट को कम से कम 75% अटेंडेंस लानी होती है और ड्रिल टेस्ट, मैप रीडिंग टेस्ट, फील्ड क्राफ्ट टेस्ट को कंप्लीट करने के बाद कैंडिडेट का प्रमोशन कैडेट से लांस कॉर्पोरल (Lance Corporal) के रूप में किया जाता है जिन्हें LCPL के नाम से भी जानते हैं पहचान की तौर पर इनकी बाईं आस्तीन पर V सेफ का शेवरॉन बना होता है जिसके बाद लांस कॉरपोरल के रूप में एनसीसी में 6 महीने पूरे करने पर जिसमें वैपन ट्रेनिंग करवाई जाती है जिसे एक कंप्लीट करने की बाद कैंडिडेट का प्रमोशन लांस कॉर्पोरल से कॉर्पोरल (Corporal) के रूप में होता है पहचान के तौर पर इनकी बाई आस्तीन पर आपको V सेफ का डबल शेवरॉन देखने को मिलेगा जिसके बाद अगर कैंडिडेट के रूप में 6 महीने पूरे कर लेते हैं तो उनका प्रमोशन कॉर्पोरल से Sergeant यानी SGT के रूप में कर दिया जाता है जिनकी बाईं आस्तीन पर आपको V सेफ के तीन शेवरॉन देखने को मिलेंगे इससे आगे भी अगर कैंडिडेट कॉर्पोरल के रूप में एनसीसी में 6 महीने और पूरे कर लेता है तो फिर उनका प्रमोशन सार्जेंट से कंपनी क्वार्टर मास्टर सार्जेंट (CQMS) के पद के लिए कर दिया जाता है पहचान के तौर पर इनकी बाईं आस्तीन पर V सेफ के शेवरॉन बने होते हैं जिनके ऊपर अशोक स्तंभ देखने को मिलेगा.

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इससे अगला पद होता है जूनियर अंडर ऑफिसर यानी JUO होगा जिनके कंधे पर लाल रंग की पट्टी होती है जिस पर काले रंग की एक लाइन बनी होती है इस पद के लिए जरूरी होता है कि कैंडिडेट के सार्जेंट के रूप में 6 महीने पूरे होने चाहिए और उनके पास एनसीसी का B  सर्टिफिकेट होना चाहिए अगर ये दोनों कंडीशन्स पूरी हो जाती है तो कैंडिडेट का प्रमोशन कंपनी क्वार्टर मास्टर सार्जेंट से जूनियर अंडर ऑफिसर के रूप में कर दिया जाता है जिसके बाद अगर कैंडिडेट जूनियर अंडर ऑफिसर के रूप में 6 महीने और पूरे कर लेते हैं और उनमें ऑफिसर बनने लायक जैसी क्वालिटी होती है तो उन्हें सीनियर अंडर ऑफिसर बना दिया जाता है जो की एनसीसी में सबसे बड़ा पद होता है पहचान के तौर पर इनके कंधे पर भी इस तरह की लाल रंग की पट्टी होती है जिस पर दो काले रंग की लाइनें बनी होती है इसके साथ ही एनसीसी में एक गोल्ड रैंक भी होती है जो कैंडिडेट नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर कैम्प होते हैं उनमें एनसीसी को रिप्रेजेंट करते हैं ये गोल्डन रैंक दी जाती है इसमें गोल्डन SUO, गोल्डन GSUO, गोल्डन GUO, गोल्डन GJUO, गोल्डन Sergeant आदि अलग अलग तरह की रैंकिंग होती है.

एयर विंग और Navel विंग्स

एयर विंग्स और Navel विंग्स में भी आर्मी विंग्स की तरह से ही पद दिए जाते हैं बस उनका नाम बदल दिया जाता है जैसे- आर्मी में लांस कॉरपोरल को एयर विंग में लीडिंग फ्लाइट कैडेट और Navel विंग्स में कैडेट क्लास सेकंड कहा जाता है कॉर्पोरल को एयर विंग्स में कोर्पोरल और नेवल विंग्स में Cadet Class 1st कहा जाता है ठीक इसी तरह बाकी सभी पदों के एयर और Navel विंग्स में नाम अलग अलग होते हैं लेकिन सभी के प्रमोशन का क्राइटेरिया सेम ही रहता है.

तो आज इस आर्टिकल में हमने आपको एनसीसी में रैंक कैसे मिलती है और इसमें प्रमोशन किस पद पर होता है इसके बारे में पूरी जानकारी दी है अगर आपको इससे रिलेटेड कोई और जानकारी चाहिए तो हम आप हमें कमेंट कर सकते हैं.

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